hindi kahaniya moral stories Fundamentals Explained

एक शानदार महल में एक खूबसूरत परी रहती थी, जिसे अपनी खूबसूरती पर बड़ा घमंड था। एक दिन उस परी ने घोषणा करी कि, “जिस प्राणी का बच्चा सबसे ज्यादा सुंदर होगा, उसे मैं इनाम दूँगी”। ये सुनकर सभी खुश हो गए और अपने-अपने बच्चों के साथ पुरस्कार को जीतने की चाह में एक स्थान पर जमा हो गए। परी सारे बच्चों को ध्यान से देखने लगी।

इसके बाद राजा ने सभा में पहुंचे दुकानदार से पूछा की क्या आपने अपने पडोसी को चोरी करते हुए देखा था। दुकानदार ने जवाब दिया की हां मैंने इसे रात में चोरी करते हुए देखा था। 

उन सभी छल और कपट करने वाले दोस्तों को छोड़कर अपनी पढ़ाई में ध्यान लगाया। नतीजा यह हुआ कि साल भर की मेहनत से वह परीक्षा में सफल ही नहीं अपितु विद्यालय में सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया। इस पर उसके माता-पिता को बहुत खुशी हुई है और अपने पुत्र श्याम को गले से लगाया उन्हें शाबाशी दी।

लाल मछली की बात सुनकर, नीली मछली ने कहा, “लेकिन, हमें सिर्फ एक दिन के लिए यहाँ से कहीं सुरक्षित जगह पर चले जाना चाहिए!

दोस्तों इस खूबसूरत कहानी से हमें कई पाठ सीखने के लिए मिलते हैं।

वह कभी-कभी कर्ज लेकर अपना गुजारा करता था। एक दिन, राम के खेत में सूखा पड़ गया। फसल सूख गई और राम को बहुत नुकसान हुआ।

हालांकि अब सेठ के द्वार पर मोहन नहीं बैठा था लेकिन मोहन का विचार अभी भी सेट के मन में घर कर बैठा था। सेठ सोच रहा था - मोहन इतनी जल्दी हार मानने वाला आदमी तो नहीं दिखता है। उसके साथ क्या हुआ होगा?

तो आइए, गरीब किसान की इन प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से उसकी दुनिया को और गहराई से समझने का प्रयास करते हैं।

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उन्होंने सोचा कि अब मैं दूसरे लोगों को क्या बताऊंगा कि मेरा बेटा एक भी विषय में पास नहीं हो पाया। इस प्रकार माँ-पिताजी को श्याम ने बहुत चिंतित वह दुखी देखा जिस पर उसे भी दुख हुआ। श्याम ने अपने मां-बाप को भरोसा दिलाया कि मैं अगली परीक्षा में सफल होकर दिखायेगा।

फिर कुछ दिनो बाद, कुछ लोगों ने जादुई बक्से की खबर मंत्री जी के पास पहुंचा दी। पहले तो उसे विश्वास नहीं हुआ, फिर उसने अपने विश्वस्त सेवक को बक्से की सच्चाई परखने के लिए भेजा। वहां जो उसने बक्से का जो जादू देखा तो वह मंत्री के पास जाकर सारी सच्चाई बता दी। 

खेत खराब होने की वजह से महेश के पास hindi kahaniya moral stories पहले से ही धन की कमी थी। फिर भी उसने उस बीमार इंसान की मदद करी। कुछ दिन बाद वह बीमार इंसान ठीक हो गया और वहां से जाने से पहले उसने किसान महेश को बहुत दुआ दी। 

वह जिस गांव में रहता था वहां पर ज्यादातर लोग किसान थे। इन सभी किसानों के पास जितनी जमीन थी उससे कई गुना ज्यादा जमीन इस सेठ के पास थी। कई गरीब किसान तो इसके लिए इसके खेतों में काम करते थे।

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